उत्तर पश्चिम में कांग्रेसी ही बिगाड़ रहे कृपा की गणित
मुंबई,१९ फरवरी( विजय यादव )। राज्य सरकार के नेतृत्व से लगभग बेदखल हो चुके कृपा शंकर सिंह का लोकसभा पहुचना भी एक दिवा स्वप्न जैसा ही है। कृपा शंकर जिस उत्तर पश्चिम सीट से अपनी उम्मीदवारी पक्की कराने के फिराक में है वहा उनके समक्ष और भी कई प्रबल दावेदार है । उत्तर पश्चिम सीट पर कृपा शंकर के आलावा संजय निरुपम , गोविंदा व पुराने कांग्रेसी युसूफ जरीवाला भी अपनी दावेदारी जता रहे है । कृपा के आलावा इस सीट पर ३ और प्रबल दावेदारों के सामने आ जाने से कांग्रेस का संकट बढ़ गया है। वही शिवसेना -भाजपा गठबंधन ने विधायक गजानन कीर्तिकर की उम्मीदवारी पक्की कर दी है। पेशे से व्यापारी युसूफ जरीवाला का कहना है कि,अगर पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस की जीत पक्की समझो।
कृपा की समस्या यही ख़त्म नही होनेवाली है । उनका नया सहयोगी मित्र समाजवादी पार्टी भी चुनावी राह में कांटे लिए खड़ा है। अबू आसिम आजमी ने पहले ही इसकी घोसडा कर दी है कि उन्हें गठबंधन के दौरान बंटवारे में यह सीट मिले या नही उनका लड़ना तय है। इसी तरह युपीए का एक और प्रमुख सहयोगी दल राजद भी इसी सीट पर अपनी दावेदारी जता रहा है। उत्तर पश्चिम सीट को लेकर हो रही मारामारी के पीछे यहाँ का उत्तर भारतीय व मुस्लिम वोट बैंक है । इस क्षेत्र में क्रमशः उत्तरभारतीय व मुस्लिम वोट १९.३ व १०.६ प्रतिशत है। इन दोनों ही मतों पर कांग्रेस , सपा व राजद की नजर है। शायद इन चुनावी गणित बाजों को यह नही पता कि, शिवसेना के भावी उम्मीदवार गजानन कीर्तिकर सेना के एक मात्र ऐसे नेता है ,जिनकी अच्छी पकड़ उत्तरभारतीयों में भी है , जो इनकी गणित बिगाड़ सकते है। इसका उदाहरण पिछला विधान सभा चुनाव का परिणाम है। मालाड विधान सभा क्षेत्र जो नए परसीमन में बंटकर दिंडोशी व कांदिवली (पूर्व ) विधान सभा के नाम से नया निर्वाचन क्षेत्र बन गया है ,वहां उत्तरभारतीय वोट निर्णायक माने जाते थे । इसके बावजूद पिछले ४ विधान सभा चुनाव से यह सीट शिवसेना की झोली में जाती रही है। वर्ष २००४ के चुनाव में कीर्तिकर को मालाड विधान सभा से कुल १४३०८२ मत मिले थे ,जबकि कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला सावंत को १२९२९२ मतों से ही संतोष करना पड़ा था।
उत्तर पश्चिम क्षेत्र के मुस्लिम मतों पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री एडवोकेट जोसेफ वरीकेसरी का कहना है कि,देश का आम मुस्लिम समाज अब कांग्रेसी नीति को अच्छी तरह से समझ गई है । मुसलमानों को भी पता है कि, भाजपा -शिवसेना के राज्य में वह सबसे ज्यादा सुरक्षित थे । इतना ही नही इनके शासन अल्पसंख्यकों के लिए तमाम ठोस योजनाये लागू की गई थी। एडवोकेट जोसेफ का कहना है कि ,कांग्रेस इस बार यह अच्छी तरह से जान ले कि , अबकी चुनाव में देश का अल्पसंख्यक समाज राष्ट्रीय विचारधारा की पार्टियों के पक्ष में ही मतदान करेंगे।
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