Tuesday, 13 January 2009

राम नाईक को भारी पड़ सकती है बिहारियों की बगावत


मुंबई ,१४ जनवरी ( विजय यादव ) । उत्तर मुंबई लोकसभा से भाजपा के भावी उम्मीदवार राम नाईक को बिहारी समाज की बगावत भारी पड़ सकती है। चुनाव की तारीख तय होने से पहले ही क्षेत्र का बिहारी समाज लामबंद होने लगा है। बिहारियों की नाराजगी है की, राम नाईक ने पिछले मनपा चुनाव में पक्ष पात करते हुए पोयसर से शिवकुमार झा का टिकट कटवा दिया था। लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे कर्मठ कार्यकर्त्ता को टिकट दिए जाने की बजाय राम नाईक ने मालाड निवासी शमसेर सिंह को टिकट दिलाने में मदद की थी । मनपा चुनाव में की गई गलती की सजा राम नाईक को लोकसभा चुनाव में भुगतनी पड़ सकती है ।


उत्तर मुंबई के कुल ६ विधान सभा क्षेत्रों में बिहारी समाज का एक बड़ा वोट बैंक है। कांदिवली के पोयसर में तो बाकायदा बिहारी टेकडी नाम से बिहारियों की पुरी बस्ती मौजूद है। यही से पुराने भाजपाई शिवकुमार झा को बिहारी समाज मनपा चुनाव लडाना चाहता था । लेकिन राम नाईक की वजह से शिवकुमार झा को टिकट नही मिला और वहा से भाजपा ने शमसेर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया । शिवकुमार ने पार्टी के ख़िलाफ़ बगावती झंडा uth निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया । आखिर भाजपा उम्मीदवार शमसेर सिंह की बुरी तरह से हार हुई । शिवकुमार भारी मतों से विजई हुए। पोयसर के बिहारियों का कहना है की ,राम नाईक को तो हमारे समाज ने उनके चहेते उम्मीदवार की जमानत जब्त करा के उसी समय मुहतोड़ जवाब दे दिया था। बिहारी समाज को शिवकुमार झा से भी नाराजगी है। उनका तर्क है की ,जिस उम्मीदवार को हमलोगों ने निर्दलीय जिताया वही व्यक्ति हमसे धोखेबाजी करते हुए दुबार भाजपा में शामिल हो गया।


राम नाईक को पार्टी में पहले से ही एक पक्षपाती नेता रूप में देखा जाता है। इनकी पक्षपात पूर्ण रवैये चलते ही यादव समाज के रामू यादव व बिरजू यादव ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। राम नाईक की इक तरफा निति का शिकार यादव समाज भी रहा है। कांदिवली समता नगर से सुदामा यादव व दहिसर के रामब्रिज यादव आज नाम भर के लिए पार्टी से जुड़े है। चुनाव में इस समाज के भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है । हितेंद्र मेहता के मामले को लेकर गुजराती समाज भी राम नाईक को अपना तेवर दिखा सकता है। कुल मिलाकर राम नाईक के लिए नया उत्तर मुंबई उतना आसान नही है ,जितना समझा जा रहा है।


ओसिवरा से पालघर तक फैला रहने वाला उत्तर मुंबई लोकसभा सीट अब सिमट कर कांदिवली से दहिसर के बिच रह गया है। उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में मालाड (पश्चिम),कांदिवली (पूर्व),चारकोप,बोरीवली,मागाठाने व दहिसर विधानसभा आते है। इन सभी क्षेत्रो में राम नाईक के विरोधियों की फौज मौजूद है।

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