बार मालिकों के दबाव से बचने के लिए
भुजबल ने किया गृहमंत्रालय लेने से इनकार
मुंबई, १०दिसम्बर। राज्य के नए उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को शपथ लेने के साथ ही उनके पुराने दोस्तों का दबाव बनने लगा है, जिसके चलते उन्होंने गृहमंत्रालय लेने से इनकार कर दिया है। वह उपमुख्यमंत्री पड़ के साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग से ही खुश है।
सूत्रों की माने तो भुजबल के लिए गृहमंत्रालय काभी मुश्किल भरा हो सकता है। जिसके चलते उन्हें कोई नई आफत मोल लेनी पड़ सकती है । इसी से बचने के लिए वे गृहमंत्रालय से दूर भाग रहे है। इसके पहले गृहमंत्रालय की कुर्सी पर रहते हुए बीयर बार के समय बढोत्तरी व तेलगी की मदद जैसे आरोपों को झेल चुके है। इसी गृहमंत्रालय ने इन्हे उप मुख्यमंत्री पद से वंचित कर दिया था। यह सब जानते हुए यह एक बार फ़िर कैसे रिस्क ले सकते है।
मुंबई व थाने जिले बार मालिकों को उम्मीद थी की भुजबल के पास गृहमंत्रालय आते ही उनकी समस्या का हाल हो जायेगा । भुजबल के मंत्री बनाए जाने की घोषणा के साथ ही बार मालिकों के नेता भुजबल से संपर्क बनाने की कोशिश में लग गए थे। ख़बर यह भी है की शहर के सभी बीयर-बारो से इनकी यूनियनों की और से चंदे भी वसूले जाने लगे थे। ऐसे में यह खबर की भुजबल गृहमंत्री नही बन रहे है, जरुर बार मालिको के लिए एक सदमे की तरह होगी।
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