Thursday, 4 December 2008

रामू ने डूबा दी देशमुख की कुर्सी
भारी पड़ा फिल्मी मोह
मुंबई , ५ दिसबर (विजय यादव)। पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में कई बार विरोधियों के विफल तख्ता पलट अभियानों से बचे रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को आखिर फ़िल्म निर्माता रामा गोपाल वर्मा ले डुबे। मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद एक फिल्मकार राम गोपाल वर्मा को हमले का निशाना बने होटल ताज महल की सैर कराना भारी पड़ा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। श्री देशमुख ने आलाकमान से इस्तीफा देने का इशारा मिलने के बाद कल अपना इस्तीफा राज्यपाल एस सी जमीर को सौंप दिया जो मंजूर हो चुका है। हालांकि श्री देशमुख ने मुंबई में २६ नवंबर को हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफा दिया है पर राजनीतिक हल्कों के अनुसार उन्हें अपने बेटों रितेश और अमित के साथ फिल्मकार राम गोपाल वर्मा को ताज में ले जाने को हुई चौतरफा आलोचना के कारण ही पार्टी आलाकमान ने इस्तीफा देने को कहा। ६४ वर्षीय विलासराव देशमुख एक नवंबर २००४ को मुख्यमंत्री बनाये गये थे। इसके पूर्व श्री देशमुख १८ अक्तूबर १९९९ से १६ जनवरी २००३ तक मुख्यमंत्री रहे थे और उस समय विलासराव देशमुख के स्थान पर श्री सुशीलकुमार शिंदे को लाया गया था । दो बार के उनके मुख्यमंत्रित्व काल को जोड़ा जाय तो उन्होंने ७ वर्ष ४ महीने तक अपने पद पर रहे । सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाले वसंतराव नाईक के 11 वर्षों के बाद श्री देशमुख ही हैं जो इतना समय इस पद पर रहे है।
पिछले लगभग चार साल के कार्यकाल में श्री देशमुख को चाहे सत्ता में आने के तुरंत बाद मुंबई मनपा के झोपड़ा तोड़ो अभियान के तहत एक लाख झोपड़े तोड़ने का मामला हो, २६ जुलाई २००५ की बाढ़ का मामला हो, चाहे उत्तर भारतीयों के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अभियान का, काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पार्टी में उनके विरोधियों, जिनमें शिवसेना से कांग्रेस में आये नारायण राणे, पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रभा राव शामिल थे, कई बार उनकी आलोचना की और आलाकमान से शिकायत की। हालांकि श्री देशमुख हर बार बच गए ।देशमुख सक्रिय राजनीति में १९७४ में बाभलगांव पंचायत के सदस्य बने और १९७४ से १९७६ तक सरपंच भी रहे। श्री देशमुख उस्मानाबाद जिला परिषद के सदस्य और लातूर तालुका पंचायत समिति के उपाध्यक्ष १९७४ से १९८० तक रहे1इसके बाद श्री देशमुख को उस्मानाबाद जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष १९७५ से १९७८ तक रहे1 उन्होंने उस्मानाबाद जिला के युवकों को एकत्र किया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला शाखा के अध्यक्ष बनाये गये1श्री देशमुख महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य १९८० से १९९५ तक रहे। इस समय के दौरान वह राज्य और कैबिनेट मंत्री रहे और विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग संभाले। १९९५ में वह विधानसभा चुनाव हार गये पर १९९९ सितंबर में हुए चुनाव में उन्होंने ८० हजार मतों के अंतर से लातूर सीट पर चुनाव जीतकर शानदार वापसी की।

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