Monday, 8 December 2008

राने के ख़ास विधायकों ने भी दीया धोका
जिसके बूते ललकारा वही दे गया गच्चा
मुंबई,९ दिसम्बर (विजय यादव )। नारायण राने अपने जिन समर्थक विधायकों के बूते राज्य सरकार गिराने की धमकी दे रहे थे ,फिलहाल उन विधायकों ने राने का साथ छोड़ दिया है। यहाँ एक बार फ़िर पूर्व मुख्यमंत्री विलाश राव देशमुख उन्हें मात देने में सफल रहे है। ख़बर है की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद भी देशमुख सरकार के बचाव में खड़े है।
नारायण राने ने धमकी दी थी की वह किसी भी समय सरकार गिरा सकते है। उनकी इस धमकी के बाद कांग्रेश के होश उड़ गए थे । लेकिन अगले ही छान दिल्ली से नए मुख्यमंत्री अशोक चौहान का बयान आया की सरकार कोई खतरा नही है। राने समर्थक २ विधायकों को कांग्रेश ने राज्य मंत्री बनाने का वादा कर उन्हें अपने साथ कर लिया है। इन दोनों के नाम विजय वादेत्तिवार व कालिदास कोलाम्बकर है। राने खेमे कुल १० विधायक माने जाते है । फिलहाल कोई भी विधायक राने के साथ जाना नही चाहता । राने बिगड़ते राजनीतिक सेहत को देखते हुए कोई भी उनके साथ जाकर अपना भविष्य नही ख़राब करना चाहता ।
राने समर्थक विधायको में कालिदास कोलाम्बकर, विजय वादेत्तिवार, प्रकाश भार्साकले, सुभाष बने, गणपत कदम, शंकर काम्बली, अशोक काले, मानिक कोकाटे, विनायक निम्हन व राजा राउत शामिल है। लेकिन यह सभी आज की स्थिति में राने का साथ छोड़ चुके है।
राने के करीबी सूत्रों के अनुशार फिलहाल वह अपने घरेलु संगठन स्वाभिमान के सहारे ही राजनिति को आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे। इस बिच चर्चा यह भी है की राने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल सपा या बसपा का दामन थाम सकते है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई ठोस बात चित राने की उक्त पार्टियों के साथ नही हुई है।

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