Wednesday, 12 November 2008

उत्तर मुम्बई में कांग्रेस को एक नए गोविंदा की तलाश
मुंबई,१३नवम्बर (विजय यादव)। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज राम नाइक को धुल चटाने वाले फ़िल्म अभिनेता गोविंदा की चमक उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में फिलहाल फीकी पड़ गई है। रुपहले परदे पर अपनी चमक दमक दिखाने वाले गोविंदा को अभी से उत्तर मुंबई की जनता ने नकार दिया है। पिछले कुछ समय से गोविंदा उत्तर मुंबई में आयोजित होनेवाले कार्यकर्मो के मंचो की बजाय पोस्टर होर्डिंगो में ही नजर ज्यादा नजर आते है । या यूँ कहे कि , गोविदा राजनीति को भी फिल्मी अंदाज में ले रहे है,जहा आमजनता से सीधे मिलाने कि बजाय सिनेमा के नकली पर्दे से ही अपने चाहनेवालों कि तालियाँ बटोर ली जाती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में गोविंदा को विरार से सबसे ज्यादा वोट मिले थे , क्योकि गोविंदा आज भी विरार वाले छोरे के नाम से पहचाने जाते है। लेकिन अबकी चुनाव में विरार के लोग अपने छोरे कि मदद नही कर सकते । इसका कारण निर्वाचन क्षेत्र का नया परसीमन है। जोगेश्वरी के ओसिवारा से लेकर पालघर तक फैअला उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र अब सिमट कर कांदिवली से दहिसर तक रह गया है। उत्तर मुंबई का यह वह इलाका है, जहा हमेशा से भाजपा लीड पर रही है। १९८९ में पहला लोकसभा चुनाव लड़ने के पहले यही के बोरीवली से ३ बार लगातार विधायक रहा चुके है। इसके आलावा यह निर्वाचन क्षेत्र उत्तर भारतीय बाहुल्य माना जाता है, जो मनसे के आक्रमण के बाद कांग्रेश से दूर हो गया है। उत्तर मुंबई से कांग्रेश को एक नए गोविंदा कि तलाश है,यह तो कांग्रेश के तमाम वरिष्ठ भी काबुल करते है, लेकिन औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से बचते है। अबकी लोकसभा चुनाव में कांग्रेश कि हालत करो या मरो कि रहेगी । केन्द्र में सरकार बनाने के लिए उसे एक-एक सीट बचाए रखना होगा ऐसे में उत्तर मुंबई सीट का हाथ से निकलना कांग्रेश के करार झटका हो सकता है।
दूसरी और लगभग यही हाल भाजपा का भी है। उत्तर मुंबई के भाजपाई अब राम नाइक को सेवानिवृति नेता समझ कर चल रहे है। २००४ के चुनाव में उत्तर मुंबई से गोविंदा जित के पीछे भाजपाइयों कि नाराजगी भी थी। उस चुनाव को लेकर कहा जाता है, कि उत्तर मुंबई कि जनता ने गोविंदा को जिताया नही था बल्कि राम नाइक को हराया था। कांग्रेश के साथ-साथ भाजपा को भी अभी से एक नए राम नाइक कि तलाश कर लेनी चाहिए , वरना लालकृष्ण आडवाणी को प्रधान मंत्री बनाने सपना कही अधुरा नही रह जाय । सरकार बनाने के जोड़-तोड़ में एक-एक सीट मायने रखता है। हालांकि राम नाइक को राज्य भाजपा का सबसे चतुर नेता माना जाता है। जो हमेशा दूरदृष्टि कि सोच से चलते है। सायद इसी सोच का नतीजा गोपाल शेट्टी का मुंबई भाजपा अध्यक्ष बनाना भी है। मुंबई अध्यक्ष कि लडाई में यह राम नाइक कि ही देन है कि अचानक गोपाल शेट्टी को मुंबई अध्यक्ष बना दिया गया । आज उत्तर मुंबई में गोपाल शेट्टी को भाजपा का सबसे मजबूत नेता माना जाता है।

2 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

kalyan ho
narayan narayan

रचना गौड़ ’भारती’ said...

भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
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